तू मर क्यों नहीं जाती, एक ही बार में सदा के लिए.
तू क्यों मरती है बार बार, और अमर हो जाती है?
आंख नोच ली, जीभ काट दी, आँत खींच ली
योनि तक ध्वस्त कर दी,
फिर क्यों आती है बार बार, जन्म देने अपने ही अपराधी को?
तू डरती क्यों नहीं?
निर्भया कहीं की!
~~महिमा~~
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