Friday, June 26, 2020

माँ चाहती है

मां चाहती है, एक कोख धरती सरीखी
माँ चाहती है, पिता के प्यार से भरा आँचल
माँ चाहती है, बचपन खाली न होने दे गोदी को
माँ चाहती है, शब्दकोश क्रंदन का मौन का भी
माँ चाहती है, आंसुओं से नहीं नींद से बोझिल हो आंखें
माँ चाहती है, बस उतना पढ़ पाना कि पढ़ ले मासूम आँखों को
माँ चाहती है, बस उतना स्वर की लोरी गा सके
माँ चाहती है, चोट लगे तो जाते जाते सिखा जाए चलना
माँ चाहती है, बोले तो मिसरी घोले
माँ चाहती है, नन्ही आंखें sapneeli , ईर्ष्यालु नहीं
माँ चाहती है, बस उतना आराम कि फिर उठ खड़ी हो
माँ चाहती है, दे पाना उम्मीद उजले सवेरे कि
माँ चाहती है, कस के थामे रहना उंगली
माँ चाहती है, उंगली छोड़ पाना वक़्त आने पर
माँ चाहती है, प्रश्न चिन्ह लगने से पहले उत्तर बन जाए प्रश्न
माँ चाहती है, क्षमता फटकार पाने की अपनी जुड़े के टुकड़े को
माँ चाहती है, क्षमा अपनी सीमाओं से बंधी होने की
माँ चाहती है, ख़ुद को याद रख पाना
माँ चाहती है, आश्वासन कि प्यार ही परोसा जाएगा उसकी आंख के तारे को
माँ चाहती है, कुदरत की ममता सहलाया करे सदा
माँ चाहती है, परम रहे परमात्मा
माँ चाहती है, उपाधि बस मनुष्यता की

0 comments:

Post a Comment