Monday, January 25, 2021

हम भारत के लोग

जन गण मन अर्थात् हम भारत के लोग©️®️
सुनो हमारे मन की बात हम भारत के लोग
नहीं झुकेंगे, नहीं रूकेंगे हम भारत के लोग
तानाशाही नहीं सहेंगे हम भारत के लोग
अपने लोकतंत्र के कर्ता हम भारत के लोग
संविधान के हैं संरक्षक हम भारत के लोग
अपना हिस्सा छीन के लेंगे, हम भारत के लोग
दु:शासन को नष्ट कर चुके हम भारत के लोग
गाँधी नेहरू के हैं वंशज हम भारत के लोग
शास्त्री पटेल को अमर रखेंगे हम भारत के लोग
अम्बेडकर से अटल रहेंगे हम भारत के लोग

सरल सशक्त स्वतंत्र समन्वित हम भारत के लोग©️®️

Thursday, January 14, 2021

बुढ़ापे की लाठी

मेरे बुढ़ापे की लाठी
होगी गोदी की गर्माहट, 
जिसने संजोये मेरे बचपन के लम्हे 
जिसमें संजोया, मैंने बचपन के नर्म फ़ाहे को।
मेरे बुढ़ापे की लाठी होंगी
चंद तसवीरें, जिनमें उतरे 
जो हम पर गुज़रे, जिन पर हम गुज़रे ।
मेरे बुढ़ापे की लाठी 
मज़बूत होगी विश्वास से जो मैंने खोया
खोकर जिसे, ख़ुद को पाया।
मेरे बुढ़ापे की लाठी में 
तजुर्बे कर रहे हैं नक्काशी बहुत महीन
बुरादे के साथ नादानी झरती जाती है।
मेरे बुढ़ापे की लाठी 
खोलेगी खिड़की मेरे बीते कल की 
देगी दस्तक मेरे आने वाले कल के दरवाज़े पर ।
मेरे बुढ़ापे की लाठी
होगी कहीं ज़्यादा ठोस, 
मेरे पालने या मेरी चिता की लकड़ियों से।
मेरे बुढ़ापे की लाठी ही बनाती हूँ हर रोज़।